वयोवृद्ध सम्मान समारोह

वयोवृद्ध सम्मान समारोह

अभिवादनशीलस्य नित्यं वृद्धोपसेविनः । चत्वारि तस्यं वर्धंते आयुर्विद्या यशोबलम् ॥* (सत्यार्थप्रकाश. तृ.स.)

‘‘महर्षि दयानन्द सरस्वती ने सत्यार्थप्रकाश के तीसरे सम्मुलास में लिखा कि जो व्यक्ति सदा नम्र सुशील रहते हुए विद्वान और वृद्धों की सेवा करता है उसका आयु, विद्या, कीर्ति और बल ये चार सदा बढ़ते’’।

इसी सिद्धांत के अनुसार जांगिड ब्राह्मण समाज समिति ट्रस्ट गांधीधाम द्वारा समाज के स्थानिक सभी सम्माननीय माता-पिता, समाज के बुजुर्गों का सम्मान समारोह आयोजित किया गया।

दिनांक 20 अगस्त को सायं 5 बजे जांगिड समाज सभा भवन में स्व. रानी देवी अचलाराम जी कुलरिया की स्मृति में उनके परिवार सुपुत्र श्री दुरगाराम जी कुलरिया के सौजन्य से यह भव्य आयोजन किया गया। जिसमें समाज के 68 वर्ष व अधिक की आयु के 9 पुरुष व 14 महिला वृद्धों का सम्मान करते हुए उनसे आशीर्वाद लिया गया।

हमारे परिवारों के इन माता-पिताओं ने कई दुःख और कष्ट सहकर हमारे भविष्य को उज्जवल बनाने में अपना जीवन लगा दिया। ऐसे देवता स्वरूप बुजुर्गों का आशीर्वाद प्राप्त करने और उनके ऋण से उऋण होने के प्रयास स्वरूप, उन्हें समाज में सादर आमंत्रित कर सम्मानित किया गया। सम्मान प्रक्रिया में समाज के कार्यकर्ताओं व उनके परिवार सदस्यों द्वारा गंगाजल से उनके पाँव धोना, माथे पर तिलक लगाकर मुँह मीठा करवाना व पुष्पहार पहनाकर साफ़ा व शॉल ओढ़ाकर उपस्थित समाजजनों की तालियों की गड़गड़ाहट के साथ सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में पहले भगवान श्री विश्वकर्मा की अर्चना व आरती की गई, प्रारंभ में संस्था के संरक्षक श्री मोहनलाल जांगिड ने कार्यक्रम की रूपरेखा व भूमिका प्रस्तुत की तथा अध्यक्ष श्री गुरुदत्त शर्मा ने स्वागत उद्बोधन में कार्यक्रम के उद्देश्य व ट्रस्ट द्वारा समस्य समय पर समाज उत्थान में विद्यार्थियों, महिलाओं व युवाओं के लिए किए जा रहे कार्यों पर प्रकाश डालते हुए ऐसे कार्यक्रमों में समाज परिवारों द्वारा मिल रहे सहयोग के लिए श्री दुर्गाराम जी के परिवार और गत रविवार को श्री कानाराम जी रोप की स्व. माता जी स्व. तारां देवी हरिराम जी रोप की स्मृति में परिवार के सौजन्य से आयोजित “सरस्वती सम्मान समारोह” में किए गए सहयोग के लिए धन्यवाद व्यक्त किया।

कु. अंजू सुथार ने माता-पिता को समर्पित गीत “हम कभी माता पिता का ऋण चुका सकते नहीं” प्रस्तुत कीया तथा श्रीमती ममता शर्मा ने माता-पिता के प्रति परिजनों का कृतव्य पर अपना उद्बोधन प्रस्तुत दिया। श्री कानाराम जी बामणिया ने “देखते ही देखते जवान माँ बाप बूढ़े हो गए” कविता सुनाई। सभी बुजुर्गों को एक एक कर सोफ़े पर बिठाकर सम्मानित किया गया व संस्था के सभी महिलाओं व पुरुषों ने उन पर सामूहिक पुष्पवृष्टि की तथा श्रीमती मंज़ू जांगिड ने “मातपिता और गुरु चरणों में वंदन बारम्बार कि हम पर किया बडा उपकार” गीत प्रस्तुत किया।

श्री दुर्गा राम जी कुलरिया ने श्रेष्ठ आयोजन के धन्यवाद स्वरुप अपनी ओर से श्री गुरुदत्त जी व मोहनलाल जांगिड का साफ़ा व शॉल ओढ़ाकर सम्मान किया।

आयोजन को सफल बनाने में सर्वश्री कानाराम जी, राजेन्द्र जी, जबरारामजी, नेमाराम जी, प्रकाश जी, योगेश जी, दिलीप, उम्मेदराज, हिमांशु, मुकेश अशोक आदि ट्रस्ट के सभी कार्यकर्ताओं व पूरी युवा टीम ने सराहनीय सहयोग किया। कार्यक्रम के अंत में उद्घोषक मोहनलाल जांगिड ने उपस्थित समाज से अपील की कि संस्था के पास कार्यक्रमों की कोई कमी नहीं है, आप सहयोग का हाथ व उत्साह बढ़ाते रहिए हम बहुत से और भी प्रोग्राम हमारे बच्चों के लिए आयोजित कर सकते हैं।