संस्थापक : जांगिड महिला मंडल – गांधीधाम
स्व. गुलाबदेवी भगवानदत्तजी शर्मा
ऐसी थी माता जी …
आदर्श परिवार व आदर्श समाज बनाने का आधार थी माताजी, समाज सेवा, मानव सेवा की चलती फिरती एक रफ़्तार थी माताजी, दान, अतिथि सत्कार, करुणा व वात्सल्य से भरा दरबार थी माताजी, समाज के युवकों व महिलाओं के लिए आदर्शों का भण्डार थी माताजी, प्रेम – शांति – सरलता – निर्मलता व पवित्रता में गुलाब सी बहार थी माताजी, विवेक, सूझबूझ, संस्कार सिंचन व संगठन शक्ति के ज्ञान का द्वार थी माताजी, भक्तिभाव, योग, वेद प्रचार, साहित्य व प्राणी मात्र के लिए समर्पित उपहार थी माताजी, सेवा की प्रतिमूर्ति, प्रेरणादायी, सादा जीवन, उच्च विचार वाली आदर्श नार थी माताजी ।